Understanding Breast Pain During Menopause: मेनोपॉज एक महत्वपूर्ण ट्रांजिशन है जिसे महिलाएं 40 और 50 की उम्र के बीच में अनुभव करती है। इसके साथ बहुत सारे फिजिकल और इमोशनल बदलाव भी आते हैं जिनमें से मेनोपॉज के दौरान ब्रेस्ट पेन भी है।
Breast Pain: मेनोपॉज़ में ब्रैस्ट पेन को समझें इन पॉइंट्स में
मेनोपॉज एक प्राकृतिक बायोलॉजिकल प्रोसेस है यह तब होता है जब महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सालों का आखिरी समय होता है। इसमें कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं जिसमें ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम और सबसे कम डिस्कस किया जाता है। आइये इन बदलावों के ऊपर चर्चा करते हैं।
यह तब होता है जब महिला की ओवरी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन पैदा होने बंद हो जाते हैं। इस हार्मोनल शिफ्ट के कारण बहुत सारे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और ब्रेस्ट पेन भी। जब एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है तब ब्रेस्ट टिशु ज्यादा संवेदनशील और दर्दनाक हो जाते हैं। इस हार्मोनल बदलाव का प्रभाव मेमोरी ग्लैंड पर पड़ता है जिससे ब्रेस्ट डिसकंफर्ट होता है।
Types Of Breast Pain: ब्रेस्ट पेन कई तरह के हैं
सिलिकल पेन
यह ब्रेस्ट पेन पीरियड्स के पहले और हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है। पेरिमेनोपॉज के दौरान अनियमित हार्मोन स्तर, ब्रेस्ट पेन को अनप्रिडिक्टेबल बना सकता है।
नॉन सिलिकल पेन
नॉन्सिलिकल ब्रेस्ट पेन महिलाओं की जिंदगी में कभी भी हो सकता है जिसमें मेनोपॉज के दौरान ब्रैस्ट पेन भी शामिल है। इस दर्द का संबंध हार्मोनल बदलाव के साथ नहीं होता बल्कि इसके और भी कारण हो सकते हैं जैसे इंजरी, मस्कोलोकेलेटल और दवाई।
ब्रेस्ट पेन क्यों होता है
हार्मोनल बदलाव- एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण ब्रेस्ट टिशू संवेदनशील और असहज हो जाते हैं। जिसके कारण ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है
फाइब्रोसिस्टिक बदलाव:- कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट टिशू बढ़ सकते हैं। इन बदलावों के कारण लंपीनेस और डिसकंफर्ट आ जाता है।
मेडिकेशन:- मेनोपॉज के दौरान होने वाले लक्षणों को मैनेज करने के लिए लिए जाने वाली हार्मोन थेरेपी भी ब्रेस्ट पेन का कारण बन सकती है।
स्ट्रेस और एंजाइटी:-भावनात्मक स्ट्रेस भी ब्रेस्ट पेन का कारण बन सकता है।
कैसे इससे निपटें
सपोर्टिव ब्रा पहने: ब्रेस्ट पेन के दौरान सपोर्टिव ब्रा जैसे स्पोर्ट्स ब्रा और अंडरवायर ब्रा पहन सकते हैं। इससे ज्यादा सपोर्ट और कंफर्ट मिलेगा।
हाइड्रेट रहे: पानी की कमी से ब्रेस्ट पेन बढ़ सकती है इसलिए अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए ढेर सारा पानी पिएँ।
हेल्थी लाइफस्टाइल: रोजाना एक्सरसाइज, संतुलन खाना और अच्छी नींद मेनोपॉज में होने वाले लक्षणों से बचा सकती है। इसमें ब्रेस्ट पेन भी शामिल है।
ओवर द काउंटर पेन रिलीफ: बेस्ट पेन से राहत पाने के लिए आप कोई आईबुप्रोफेन जैसी दवाई का भी सेवन कर सकते हैं। इसके रिस्क भी मौजूद हैं।
रिलैक्सेशन: इसमें आप स्ट्रेस रिलीफ तकनीक जैसे गहरी सांस, मेडिटेशन और योग आदि का सहारा ले सकते हैं। इससे आपको स्ट्रेस और एंजायटी से भी राहत मिलेगी।
दवाई की कब जरूरत
- जब पेन बहुत ज्यादा हो रही हो।
- ब्रेस्ट में कुछ बदलाव या लंप्स दिखाई दे रहे हों।
- आपकी फैमिली हिस्ट्री में किसी को ब्रेस्ट कैंसर में हो।
- निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा हो।
इमोशनल सपोर्ट
मेनोपॉज में भावनात्मक चुनौतियां बहुत आती हैं और ब्रेस्ट पेन से स्ट्रेस और भी बढ़ जाता है। इस समय दौरान भावनात्मक सपोर्ट जरूर लें। आप अपने किसी दोस्त, फैमिली या फिर थेरेपी का सहारा ले सकते हैं।
सेल्फ केयर
इन दोनों में सेल्फ केयर को समय देना आपकी पहल होनी चाहिए। ब्रेस्ट पेन के साथ अपनी ओवरऑल वेलबींग पर भी ध्यान दीजिए। ऐसी एक्टिविटीज कीजिए जो आपको पसंद हो और खुद को पैंपर कीजिए।
मेनोपॉज एक ऐसी जर्नी है जिसमें से सभी महिलाएं गुजरती हैं। इस समय दौरान ब्रेस्ट पेन आम है और इसे काबू किया जा सकता है। इसके लिए आपको हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाने की जरूरत है। इससे आप असहजता को कम कर सकती हैं और जीवन के नए सफर को कॉन्फिडेंस के साथ अपना सकती हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।